मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज का कथन सत्य है कि वह ज्ञान लौकिकता से ऊपर उठा हुआ जैसे जीवकांड का ज्ञान! Reply
लौकिक = संसार बढ़ाने का ज्ञान। अलौकिक = संसार घटाने वाला। पारलौकिक = संसार से ऊपर/ बाहर का ज्ञान। Reply
Par kya ‘जीवकांड’ , ‘सिद्ध’/’आत्मा’ का ज्ञान nahi karata ? If so, use ‘पारलौकिक ज्ञान’ kah sakte hain, na ? Reply
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज का कथन सत्य है कि वह ज्ञान लौकिकता से ऊपर उठा हुआ जैसे जीवकांड का ज्ञान!
‘उसे पारलौकिक (Other Worldly) ज्ञान’ नहीं kehne ka kya reason hai ?
लौकिक = संसार बढ़ाने का ज्ञान।
अलौकिक = संसार घटाने वाला।
पारलौकिक = संसार से ऊपर/ बाहर का ज्ञान।
‘पारलौकिक’ ज्ञान ke kya examples hain ?
पारलौकिक जो सिद्ध/ आत्मा का ज्ञान कराये।
Okay.
Par kya ‘जीवकांड’ , ‘सिद्ध’/’आत्मा’ का ज्ञान nahi karata ? If so, use ‘पारलौकिक ज्ञान’ kah sakte hain, na ?
हाँ, जीवकांड में सिद्ध भगवान का शायद वर्णन नहीं है।
Magar, ’आत्मा’ का वर्णन to hoga ? If so, use ‘पारलौकिक ज्ञान’ kah sakte hain, na ?
इस item से तो लगता है कि संसारी जीवों के बारे में ही होगा।
It is now clear to me.