उत्तम ब्रम्हचर्य
- संसार से विश्राम की दशा का नाम ही ब्रम्हचर्य है ।
- स्त्री के पीछे भागना और स्त्री से दूर भागना, बात एक ही है ।
जब तक ये यात्रा जारी है, समझो कि ब्रम्हचर्य की यात्रा अभी शुरू नहीं हुई है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
आचार्य श्री विद्यासागर जी
3 Responses
“Stri ke peeche bhagna” or “stri se door bhagna” ek hi baat kaise? Can this be explained please.
आत्मलीन को स्त्री पुरुष में भेद नहीं रह जाता ,
वह स्त्री से दूर भी क्यों भागेगा ?
okay.understood