कन्यादान
कन्यादान को दान की श्रेणी में क्यों नहीं लिया ?
दान उसे कहते है जिसमें उपकार का भाव होता है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
पिता कन्या का स्वामी नहीं है। कन्या की स्वतंत्र सत्ता है। तो पिता दान कैसे कर सकता है ?
कमल कांत
कन्यादान को दान की श्रेणी में क्यों नहीं लिया ?
दान उसे कहते है जिसमें उपकार का भाव होता है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
पिता कन्या का स्वामी नहीं है। कन्या की स्वतंत्र सत्ता है। तो पिता दान कैसे कर सकता है ?
कमल कांत
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कन्यादान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए उपकार करना परम आवश्यक है।