गुरु को/की मानना
1. गुरु ने सुंदर खरगोश दिया, रास्ते में ठगों के बार-बार पिल्ला कहने पर छोड़ दिया ।
2. दुर्योधन की माँ ने कहा वस्त्र उतार कर मेरे सामने आ, दुश्मन के खेमे के श्री कृष्ण के कहने से पत्ते लगा लिये, मृत्यु का कारण बना ।
हम गुरु/माँ को मानते तो हैं, पर उनकी नहीं मानते हैं ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
One Response
जीवन में गुरु और मां का महत्वपूर्ण योगदान है, इसके बिना अपना उद्धार नहीं कर सकते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि जो लोग अपने गुरु और मां को मानते हैं लेकिन वह उनकी बात या कथन को स्वीकार नहीं करते हैं,तभी उनका उद्वार नहीं हो सकता है। अतः जीवन में गुरु और मां पर श्रद्वान और समपर्ण करना आवश्यक है ताकि जीवन का उद्धार हो सकता है।