चारित्र
एक सेठ के घर तोता पला था, वह उसे पिंजड़े में नहीं रखता था ।
एक दिन सेठ ने अपने घर के आसपास एक बिल्ली देखी ।
सेठ ने तोते को बताया कि – बिल्ली आए, तो उड़ जाना ।
वह रोजाना उसे याद दिलाता था, तोता भी दिन भर बोलता रहता था – बिल्ली आए तो उड़ जाना – बिल्ली आए तो उड़ जाना
एक दिन सचमुच बिल्ली आ गयी ।
तोता बोलने लगा – बिल्ली आए तो उड़ जाना – बिल्ली आए तो उड़ जाना, पर उड़ा नहीं,
बिल्ली तोते को खा गयी ।
हम भी अच्छी बातें बोलते हैं, पर समय आने पर क्रियान्वित नहीं करते हैं ।
2 Responses
OM shanti Very True.We will be benefitted only,when we do it practically.
Bilkul sahi bat h i will try……………….