जीवन एक संघर्ष है, सो जब तक जीवन है संघर्ष करते रहना है।
(हारना/ रोना क्यों!)
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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2 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर जी ने सत्य कहा है कि हारना और रोने की क्या आवश्यकता है, जबकि जीवन एक सघर्ष है, अतः जब तक जीना है तब सघर्ष करते रहना है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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मुनि श्री प़णम्यसागर जी ने सत्य कहा है कि हारना और रोने की क्या आवश्यकता है, जबकि जीवन एक सघर्ष है, अतः जब तक जीना है तब सघर्ष करते रहना है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
जीवन के संघर्ष से,
कट जाते हैं कर्म।
सम्यक्दृष्टि बस हो,
तो जीवन का मर्म।।