ज्ञान / दर्शन
जो ज्ञान ज्ञेय से सीधा संबंध नहीं रखते, वे “दर्शन” पूर्वक नहीं होते, जैसे श्रुत और मन:पर्यय ज्ञान ।
मुनि श्री सुधासागर जी
जो ज्ञान ज्ञेय से सीधा संबंध नहीं रखते, वे “दर्शन” पूर्वक नहीं होते, जैसे श्रुत और मन:पर्यय ज्ञान ।
मुनि श्री सुधासागर जी
4 Responses
दर्शन का मतलब जो मोक्ष मार्ग को दिखावे होता है।
मनः पर्याय ज्ञान रिद्विधारी मुनि को ही होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि तो ज्ञान प्रत्यक्ष है वे सीधा सम्बन्ध नहीं रखते । वे दर्शन पूर्वक नहीं होते हैं, जैसे श्रुत और मति ज्ञान में होता है।
Isme, mati gyan bhi aa jayega, na?
नहीं,
मतिज्ञान तो चक्षु/ अचक्षु दर्शन पूर्वक ही होगा ।
Okay.