श्री मुलाचार जी में कहा है की अंत में णमोकार मंत्र ही काम आने वाला है। इसलिए उसके बोलने/ चिंतन करने के इतने संस्कार डाल लो कि कितनी भी पीड़ा अंत में आए, णमोकार याद रहे।
स्वाध्याय भगवती आराधना भाग 1,गाथा 3 (सान्निध्य आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी)
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