दया—दीन दुःखी जीवों के प्रति अनुग्रह या उपकार का भाव होना दया है। अनुकंपा—दूसरो की पीड़ा से द़वित हो जाय वह अनुकंपा कहलाता है। अतः यह कथन सत्य है कि दया ब़ाह्य होती है जबकि अनुकंपा अंदर से फूटती है। Reply
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दया—दीन दुःखी जीवों के प्रति अनुग्रह या उपकार का भाव होना दया है।
अनुकंपा—दूसरो की पीड़ा से द़वित हो जाय वह अनुकंपा कहलाता है। अतः यह कथन सत्य है कि दया ब़ाह्य होती है जबकि अनुकंपा अंदर से फूटती है।