दान/ भेंट/ समर्पण
भेंट उनको जो लेते हैं जैसे राजा, मेहमान।
दान समर्पित उनको जो लेते नहीं हैं जैसे साधु,
दान जैसे आहार-दान साधु को।
समर्पण जैसे नारियल साधु को।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
भेंट उनको जो लेते हैं जैसे राजा, मेहमान।
दान समर्पित उनको जो लेते नहीं हैं जैसे साधु,
दान जैसे आहार-दान साधु को।
समर्पण जैसे नारियल साधु को।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने दान, भेंट, समर्पण को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए दान करने की महत्वपूर्ण भूमिका है, अतः जीवन में इसका ध्यान रखना परम आवश्यक है।