धन और सदुपयोग
धन की प्राप्ति पुण्य के फल से, धन को सदुपयोग में लगाना तप के फल से।
(इच्छानुरोध से ही सदुपयोग कर पाते हैं, यही तो तप है)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
धन की प्राप्ति पुण्य के फल से, धन को सदुपयोग में लगाना तप के फल से।
(इच्छानुरोध से ही सदुपयोग कर पाते हैं, यही तो तप है)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि धन की प्राप्ति पुण्य के फल से मिलती है, इसमें धन कमाने में पाप की वृद्धि होती है, अतः धन को सदुपयोग में लगाना परम आवश्यक है ताकि पाप कम हो सकता है।जो धन कमाया है,उसको, मन्दिर,आहार दान, करुणा दान, औषधि दान एवं गोमाता के सेवा में लगाना उपयुक्त है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।धन का उपयोग होता है वह भी तप की श्रेणी में आता है।