आत्मा में डूबना, जैसे पक्षी का आसमान में बिना पंख चलाये आनंद लेना।
धार्मिक क्रियायें पंख चला कर फिर आत्मा में पहुँच जाना/ नीचे गिरने से बचाने के लिये।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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मुनि श्री प़णम्यसागर जी महाराज ने धार्मिक क़ियायों का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जैन धर्म बताता है कि अपनी आत्मा का कल्याण करना है बाकी सब निरर्थक है!
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मुनि श्री प़णम्यसागर जी महाराज ने धार्मिक क़ियायों का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जैन धर्म बताता है कि अपनी आत्मा का कल्याण करना है बाकी सब निरर्थक है!