निंदा
कड़वी निबोली को चींटी भी नहीं काटतीं, मीठी होने पर नोचने/ खसोटने लगती हैं।
यदि आपको कोई सता रहा है/ निंदा कर रहा है तो यह प्रमाण है कि आप में गुणों की मिठास है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
कड़वी निबोली को चींटी भी नहीं काटतीं, मीठी होने पर नोचने/ खसोटने लगती हैं।
यदि आपको कोई सता रहा है/ निंदा कर रहा है तो यह प्रमाण है कि आप में गुणों की मिठास है।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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2 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निंदा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कभी दूसरों की निंदा नहीं करना चाहिए, यदि आपकी कोई निंदा करता हो तो विचलित नही होना चाहिए, यदि आप गलत हैं तो सुधार करना चाहिए।
कोई ईर्षा कर रहा
समझे निजी प्रताप।
निश्चित उससे ज्यादा,
क्षमता युक्त हैं आप।।