क्या निकट-भव्य, दूर-भव्य हो सकता है ?
नहीं, क्योंकि जिसको मोक्ष 7-8 भव में जाना निश्चित हो गया हो, उसे ही निकट-भव्य कहेंगे।
तो निश्चित, अनिश्चित कैसे हो ह सकता है ! (हाँ, दूर-भव्य, निकट-भव्य हो सकता है)।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निकट एवं दूर भव्य का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने निकट एवं दूर भव्य का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।