निर्वाण दिवस
दीपावली की पहली रात को आचार्यश्री ध्यान में बैठे और सुबह जब बाकी साधु और श्रावक लोग आये तो देखा कि आचार्यश्री की आँखें लाल थीं और अश्रुधारा बह रही थी । लगता था आचार्यश्री पूरी रात सोये नहीं थे और ध्यान मुद्रा में ही बैठे रहे ।
पूंछने पर बताया – देखो ! महावीर भगवान आज ही सुबह अपना कल्याण करके मोक्ष पधारे थे, पता नहीं हमारा कल्याण कब होगा ?