मुनिराजों के गुणस्थान 9 होते हैं (6 से 14)।
9 संख्या की पवित्रता/ महत्व का यह भी कारण हुआ।
चिंतन
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चिंतन में नौ संख्या का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन धर्म में 9 संख्या की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, णमोकार मंत्र को नौ बार पढने का बताया गया है, यह मंत्र हर स्थितियों में कार्यकारी रहता है।
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चिंतन में नौ संख्या का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन धर्म में 9 संख्या की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, णमोकार मंत्र को नौ बार पढने का बताया गया है, यह मंत्र हर स्थितियों में कार्यकारी रहता है।