बौद्ध दर्शन…न अति काम, न अति कष्ट।
जैन दर्शन… न काम, न कष्ट।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी का बौद्ध एवं जैन दर्शन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में कल्याण के लिए जैन दर्शन पर ही श्रद्वान होना चाहिए!
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मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी का बौद्ध एवं जैन दर्शन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में कल्याण के लिए जैन दर्शन पर ही श्रद्वान होना चाहिए!