मंत्र का फल

मंत्र का फल पाने के लिये अपने अंदर पात्रता/विशुद्धता पैदा करनी होगी ।
भक्तामर का फल पाने आ. मांगतुंग जैसा बनना होगा ।

मुनि श्री अविचलसागर जी

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One Response

  1. मंत्र का तात्पर्य जिसके द्वारा आत्मा का आदेश अर्थात निजानुभव किया जाए और जिसके द्वारा परमपद में स्थित आत्माओं का सत्कार किया जाता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि मंत्र का फल पाने के लिए अपने अंदर पात्रता और विशुद्वता पैदा करना आवश्यक है। अतः जिस प्रकार भक्तामर का फल पाने का प्रयास आचार्य मांगतुगं ने किया था वैसा बनना आवश्यक होगा ताकि परिणाम मिल सकता है।

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