ऋषभदेव भगवान के आने से पहले इंद्र ने मंदिर निर्माण क्यों करवाया ?
जबकि भगवान ने तो उसमें दर्शन/पूजा की नहीं ?
क्योंकि ऊसर भूमि में (धर्म का) बीज नहीं उगता ।
भगवान ने तो दर्शन/पूजा नहीं की पर उनको पैदा करने वालों ने तो की !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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7 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि त्रृषभदेव भगवान् के आने के पूर्व इंन्द़ ने मन्दिर का निर्माण क्यों करवाया गया था। आदिनाथ भगवान अपने पहले तीर्थंकर हुए थे। लेकिन उनके आने के पूर्व भी चोबीस तीर्थंकरों के नाम उपलब्ध है। अतः पूर्व में भी धर्म का बीज था, इसलिए मन्दिरों का निर्माण अवश्य हुआ होगा। धर्म का बीज तो णमोकार मंत्र ही था जो अनादिकाल काल से प्रचलित है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि त्रृषभदेव भगवान् के आने के पूर्व इंन्द़ ने मन्दिर का निर्माण क्यों करवाया गया था। आदिनाथ भगवान अपने पहले तीर्थंकर हुए थे। लेकिन उनके आने के पूर्व भी चोबीस तीर्थंकरों के नाम उपलब्ध है। अतः पूर्व में भी धर्म का बीज था, इसलिए मन्दिरों का निर्माण अवश्य हुआ होगा। धर्म का बीज तो णमोकार मंत्र ही था जो अनादिकाल काल से प्रचलित है।
“ऊसर” ka kya meaning hai, please?
जिसमें फसल नहीं उग सकती हो।
Okay.
“ऊसर भूमि में (धर्म का) बीज नहीं उगता ।” Yeh kiske liye kaha hai ?
तीर्थंकर के माता पिता के लिए।
Jee Uncle.