मार्ग
राजमार्ग – राजा के द्वारा बनाया गया मार्ग,
सुविधाजनक, बहुतायत उस पर चलते हैं,
निष्कंटक,
सुंदर क्योंकि उस पर फूल बिछे रहते हैं,
बनाने में बहुत हिंसा होती है।
मोक्षमार्ग – भगवान/ गुरु के द्वारा निर्मित,
कठिन, बहुत कम इस पर चल पाते हैं,
कंटक युक्त,
उबड़-खाबड़,
पर अहिंसक, भविष्य निष्कंटक/ सुविधाजनक ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि मार्ग दो प्रकार के होते हैं, राजमार्ग पर हर प्राणी चलता है, लेकिन इसको बनाने में हिंसा होती है।मोक्ष मार्ग भगवान एवं गुरुओं द्वारा निर्मित है,जो कठिन एवं कंटक युक्त है। लेकिन यह अहिंसक, भविष्य निष्कंटक एवं सुविधाजनक है। अतः मोक्ष मार्ग पर चलने वाले ही भगवान बन सकते हैं, वे ही जीवन का कल्याण करने में समर्थ हैं।