सम्यग्दृष्टि सागर के बराबर संसार को चुल्लू भर लेता है।
मिथ्यादृष्टि चुल्लू भर संसार को सागर बना लेता है।
चिंतन
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चिंतन में मिथ्यादृष्टि का काल का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है । अतः जीवन के कल्याण के लिए प़त्येक जीव को सम्यग्द्वष्टि प़ाप्त करना परम आवश्यक है।
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चिंतन में मिथ्यादृष्टि का काल का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है । अतः जीवन के कल्याण के लिए प़त्येक जीव को सम्यग्द्वष्टि प़ाप्त करना परम आवश्यक है।