आत्मानुराग में राग है, वीतरागता में नहीं ।
वैराग्य में प्रवृत्ति है, वीतरागता में नहीं ।
मोक्षमार्ग/साधना की वैराग्य प्रथम सीढ़ी है, वीतरागता अंतिम ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
Share this on...
6 Responses
वीतराग का तात्पर्य जिन्होंने आत्म साधना के द्वारा राग द्वेष को नष्ट कर दिया हो।राग का मतलब अनुराग।वैराग्य का मतलब जो मोक्ष मार्ग पर चलना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आत्मानुराग में राग है,वीतरागता में नहीं।वैराग्य में प़वृति है, जबकि वीतरागता में नहीं, बल्कि वैराग्य मोक्ष मार्ग और साधना की प़थम सीढी है,वीतरागता अंतिम है।
पहली लाइन में राग की अपेक्षा कथन कहा गया है,
दूसरी में वैराग्य की अपेक्षा,
तीसरी में stages बतायी गयी हैं—पहली stage में वैराग्य है, इसमें तो आत्मा से राग होगा ही। अंतिम stage में वीतरागता है, यहाँ किसी से भी राग नहीं।
6 Responses
वीतराग का तात्पर्य जिन्होंने आत्म साधना के द्वारा राग द्वेष को नष्ट कर दिया हो।राग का मतलब अनुराग।वैराग्य का मतलब जो मोक्ष मार्ग पर चलना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आत्मानुराग में राग है,वीतरागता में नहीं।वैराग्य में प़वृति है, जबकि वीतरागता में नहीं, बल्कि वैराग्य मोक्ष मार्ग और साधना की प़थम सीढी है,वीतरागता अंतिम है।
Kya “आत्मानुराग” aur “वैराग्य” ek hi cheez hai?
आत्मानुराग(आत्मा से राग) में राग हुआ,
प्रवृत्ति पूर्वक राग को हटाने पर वैराग्य आता है।
Lekin kya “वैराग्य” me hum aatma se raag nahi karte ?
पहली लाइन में राग की अपेक्षा कथन कहा गया है,
दूसरी में वैराग्य की अपेक्षा,
तीसरी में stages बतायी गयी हैं—पहली stage में वैराग्य है, इसमें तो आत्मा से राग होगा ही। अंतिम stage में वीतरागता है, यहाँ किसी से भी राग नहीं।
Okay.