वैयावृत्त्य

मन मिलाने/वात्सल्य पाने का एक ही उपाय है -वैयावृत्त्य ।
कितना भी कोई सुना दे, लेकिन वैयावृत्ति ना छोड़ें, इसको कहते हैं – कर्त्तव्यनिष्ठता ।
जो वैयावृत्ति नहीं करता, उसके व्रत ठूंठ वृक्ष से पक्षी की भांति उड़ जाते हैं ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Share this on...

3 Responses

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

October 11, 2021

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930