शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ आदि भगवानों की बड़ी प्रतिमायें प्राय: खड़गासन ही क्यों ?
तीनों की पद्मासान प्रतिमाओं के लिये गर्भग्रह कितना बड़ा चाहियेगा !
मुनि श्री सुधासागर जी
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शांतिनाथ भगवान् 16वें , कुंथुनाथ भगवान् 17वें और अरहनाथ भगवान् 18वें भगवान् हुए थे। लेकिन तीनों भगवान् की ऊंचाई और चौड़ाई धनुष के रूप में अधिक होने के कारण, भगवानों को खड्गासन में अंकित की गई थी चूंकि पद्मासन में चौड़ाई अधिक होने के कारण ही इनको खड्गासन में स्थापित की गई थी। अतः यही परम्परा अभी चल रही हैं।
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शांतिनाथ भगवान् 16वें , कुंथुनाथ भगवान् 17वें और अरहनाथ भगवान् 18वें भगवान् हुए थे। लेकिन तीनों भगवान् की ऊंचाई और चौड़ाई धनुष के रूप में अधिक होने के कारण, भगवानों को खड्गासन में अंकित की गई थी चूंकि पद्मासन में चौड़ाई अधिक होने के कारण ही इनको खड्गासन में स्थापित की गई थी। अतः यही परम्परा अभी चल रही हैं।