उपरोक्त कथन सत्य है कि शुद्ध ज्ञान या दर्शन शुद्ध पदार्थ को विषय बनाता है। अतः वास्तव में पदार्थों का ज्यों का त्यों जानना भी शुद्ध ज्ञान है। Reply
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उपरोक्त कथन सत्य है कि शुद्ध ज्ञान या दर्शन शुद्ध पदार्थ को विषय बनाता है। अतः वास्तव में पदार्थों का ज्यों का त्यों जानना भी शुद्ध ज्ञान है।
‘पदार्थों’ me ‘shuddh’ aur ‘ashuddh’ dono aa jaayega, na ?
तभी तो पदार्थों में शुद्ध व अशुद्ध दोनों घटित किये हैं।
Okay.