आचार्यों के संदर्भ देने से —
1. स्वयं की विशुद्धि बढ़ती है ।
2. श्रुत की रक्षा होती है ।
आचार्यों के उदाहरण ही प्रवचनों में देने चाहिये ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि कि आचार्यो के सन्दर्भ देने से स्वयं की विशुद्वी बढ़ती है, एवं श्रुति की रक्षा होती है। अतः जीवन में आचार्यो के उदाहरण ही प़वचनों में देना चाहिए। आचार्य, गुरु ही आगम लिखते/बताते हैं, तो जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि कि आचार्यो के सन्दर्भ देने से स्वयं की विशुद्वी बढ़ती है, एवं श्रुति की रक्षा होती है। अतः जीवन में आचार्यो के उदाहरण ही प़वचनों में देना चाहिए। आचार्य, गुरु ही आगम लिखते/बताते हैं, तो जीवन का कल्याण हो सकता है।
Can both points be clarified a little more, please ?
1) आचार्यों के नाम लेने से विशुद्धि आयेगी ही
2) आचार्यों के संदर्भ शास्त्रों के ही होंगे न !
तो श्रुत को बहुमान मिलेगा न !
Okay.