समता
युवा तथा वृद्ध तपस्या में लीन थे।
एक देव आये, दोनों ने जिज्ञासा रखी कि हमको मोक्ष कब होगा ?
देव… वृद्ध तपस्वी तीन भव से मोक्ष जा सकते हो।
यह सुन, दुखी हो कर वृद्ध ने तपस्या छोड़ दी कि तीन भव और शेष हैं।
युवा जिस इमली के पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे हैं, उनको इतने भव लग सकते हैं।
युवा आह्लादित हो गये कि मेरा संसार सीमित हो गया। उसी पेड़ के नीचे ध्यानस्थ हो गये। पेड़ के पत्ते गिरना शुरु हो गये।
मुनि श्री मंगलानन्द सागर जी
4 Responses
मुनि मंगलसागर महाराज जी ने समता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए हमेशा समता भाव रखना परम आवश्यक है।
‘ पेड़ के पत्ते गिरना शुरु हो गये।’ Can meaning of this statement be explained, please ?
समता भाव रखो तो आपके भव भी कम होते चले जाएँगे, जो पत्तों के रूप में प्रतीकात्मक थे।
Okay.