सम्भाल
गुरु, रेडिओ की तरह Connection कराके शिष्यों को चलने योग्य बना देते हैं।
Fine Adjustment तो शिष्यों को खुद ही करना होता है (भावों में सुधार लाकर)।
तभी बाहर की आवाजें आना बंद हो पाती हैं।
मौसम (माहौल) बदलने पर विविध-भारती की जगह सीलौन आने लगता है, सो समय-समय पर सम्भाल करते रहना होता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि गुरुओं द्वारा अपने शिष्यों को चलने योग्य बना देते हैं।जब मनुष्य अपने जीवन में तरह तरह के विविध भारती या सीलौन को देखते रहते हैं,वह अपना तालमेल बनाते हैं।जब गुरु अपने शिष्यों को बताते हैं, तो तालमेल खुद ही करना होता है,वह भी भावों को सुधारने के लिए होता है। अतः मनुष्यों को अपने जीवन में सुधारों के लिए गुरुओं की आज्ञा का पालन करना अनिवार्य है ताकि जीवन में अच्छा सुधार हो सकता है।