स्वाध्याय
कथायें आदि जानने से कल्याण नहीं होगा। जो नहीं जानते और उसे जानने का पुरुषार्थ करते हैं, उससे भला होगा। वे भव्य-सिद्ध हैं।
जैसे शुरु में Bouncer ऊपर से निकल जाते हैं, धीरे-धीरे उन्हें खेलने का अभ्यास करने वाले, अच्छे Batsman बनते हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने स्वाध्याय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में जानने के साथ साथ उसका पालन करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
कथायें आदि जानने से कल्याण kyun नहीं होगा ? Is statement ko aur.clarify karenge, please ?
कथा मालुम न होने पर ध्यान/ चिंतन उधर ही लगा रहता है।
Okay.