हिसाब-किताब
मरना है तो मर जा,
पर जीते जी कुछ कर जा,
अन्यथा कर्जा तो मत ले कर जा।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(जितने कर्म लेकर आये हो, उससे ज्य़ादा कर्म तो मत ले कर जा)
मरना है तो मर जा,
पर जीते जी कुछ कर जा,
अन्यथा कर्जा तो मत ले कर जा।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(जितने कर्म लेकर आये हो, उससे ज्य़ादा कर्म तो मत ले कर जा)
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मरने के बाद कर्ज छोड़कर नहीं जाना चाहिए।इसी प्रकार अपने कर्मों को मरने के बाद नहीं लेजाना चाहिए। उचित होगा कि धर्म से जुड़कर अच्छे कर्मों को लेकर जाना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।