आचार्य श्री विद्यासागर जी गर्भग्रह में गये।
मुनि श्री सम्भवसागर जी…. कितनी ठंडक है !
आचार्य श्री…. वेदी के नीचे इतनी ठंडक है, वेदी के ऊपर बैठोगे तब कितनी ठंडक होगी !!
मुनि श्री विनम्रसागर जी
Share this on...
4 Responses
मुनि श्री विनम्र सागर महाराज जी ने अनूभूति के विषय में उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में अनुभूति की समझ रखते हैं वह अपने जीवन का कल्याण करने में समर्थ होते हैं!
4 Responses
मुनि श्री विनम्र सागर महाराज जी ने अनूभूति के विषय में उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में अनुभूति की समझ रखते हैं वह अपने जीवन का कल्याण करने में समर्थ होते हैं!
Yahan par ‘ठंडक’ kiska soochak hai ?
आत्म शांति/ अनुभूति का।
Okay.