अनुराग
धर्म में तो अनुराग को बुरा कहा फिर धर्मानुराग को अच्छा क्यों कहा?
ताकि संसानुराग कम होते-होते वीतरागी बन सकें।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
धर्म में तो अनुराग को बुरा कहा फिर धर्मानुराग को अच्छा क्यों कहा?
ताकि संसानुराग कम होते-होते वीतरागी बन सकें।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अनुराग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में धर्मानुराग बनने का प़यास करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।