‘8’ का आधा कितना ?
‘4’
और ?
अनेकांत लगाओ तो ‘3’ (यदि Vertical आधा करो) ।
‘0″ (यदि Horizontal आधा करो तो) ।
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भगवान् श्री महावीर स्वामी ने कहा था कि सम्यग्ज्ञान अनेकान्त है। जिसकी सोच /चिन्तन व्यापक है, जो अनेक पक्षों और विपक्षों को लेकर चलता है वह अनेकान्ती है। अनेकान्त का अर्थ है – – जीवन के सभी पहलुओं की एक साथ स्वीकृति। अनुभव के अनन्त कोण होते हैं। और प्रत्येक कोण पर खड़ा आदमी सही है, लेकिन भूल वहीं हो जाती है, जब वह अपने कोण को ही सवॅग़ाही बनाना चाहता है।
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भगवान् श्री महावीर स्वामी ने कहा था कि सम्यग्ज्ञान अनेकान्त है। जिसकी सोच /चिन्तन व्यापक है, जो अनेक पक्षों और विपक्षों को लेकर चलता है वह अनेकान्ती है। अनेकान्त का अर्थ है – – जीवन के सभी पहलुओं की एक साथ स्वीकृति। अनुभव के अनन्त कोण होते हैं। और प्रत्येक कोण पर खड़ा आदमी सही है, लेकिन भूल वहीं हो जाती है, जब वह अपने कोण को ही सवॅग़ाही बनाना चाहता है।