1. सरल –> सामान्य/ अज्ञानी/ रागी गृहस्थ करता है पर दुःख का कारण।
2. कृत्रिम –> नाटक में… ज्ञानी/ समझदार करता है, सब संतुष्ट। जब तक संसार में हैं, यह धर्म में भी आगे बढ़ायेगा।
3. कुटिल –> गलत अभिप्राय के साथ जैसे Suspense सिनेमा में।
चिंतन
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4 Responses
अभिनय के विषय में जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अभिनय पात्र के अनुसार ज्ञान होना परम आवश्यक है, ताकि जीवन में कोई भी गलत नहीं समझेगा।
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अभिनय के विषय में जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अभिनय पात्र के अनुसार ज्ञान होना परम आवश्यक है, ताकि जीवन में कोई भी गलत नहीं समझेगा।
1) ‘सरल अभिनय’ ka example denge, please?
2) ‘कृत्रिम अभिनय’, धर्म ko aage kaise badhata hai? Ise clarify karenge, please?
1) मोह के वशीभूत होकर कर्मोदय के अनुसार क्रियायें करना।
2) मोह रहित होकर गृहस्थी चलाने को व्यवहार निभाना।
Okay.