अरहंत भगवान लगभग पूरे समय योग सहित, सिध्द सदैव योग रहित । अयोगी अवस्था का आनंद आम के स्वाद जैसा, पर सयोगी, अयोगी अवस्था का आनंद जान नहीं सकता, सो अपने उच्चतम आनंद/ गुड़ के स्वाद जैसा ही सोच सकता है न ! Reply
आम खा तो रहे हैं पर पूरा/असली स्वाद/आनंद पूरा आम खा लेने के बाद आयेगा । अभी तो मीठा-मीठा लग रहा है जैसे गुड़ मीठा लगता है । 2) Item को भी और clear किया है । Reply
5 Responses
Can meaning of the post be clarified please?
अरहंत भगवान लगभग पूरे समय योग सहित,
सिध्द सदैव योग रहित ।
अयोगी अवस्था का आनंद आम के स्वाद जैसा,
पर सयोगी, अयोगी अवस्था का आनंद जान नहीं सकता, सो अपने उच्चतम आनंद/ गुड़ के स्वाद जैसा ही सोच सकता है न !
To phir, अरहंत – आम खाना hua ya गुड़ खाना ?(In first line)
आम खा तो रहे हैं पर पूरा/असली स्वाद/आनंद पूरा आम खा लेने के बाद आयेगा ।
अभी तो मीठा-मीठा लग रहा है जैसे गुड़ मीठा लगता है ।
2) Item को भी और clear किया है ।
Okay.