जहाँ ये है, वहाँ वो भी है ।
जहाँ ये नहीं है, वहाँ वो भी नहीं है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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भाव का मतलब जीव के परिणाम को कहते हैं, पांच भाव जीव के होते हैं, भाव परिवर्तन होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि अविनाभाव संम्बध जहां ये है, वहां वो भी है। जहां ये नहीं, वहां वो भी नहीं है। अतः जीवन में भावों का ही महत्वपूर्ण स्थान है,यदि नहीं है वहां कुछ नहीं होता हैं।
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भाव का मतलब जीव के परिणाम को कहते हैं, पांच भाव जीव के होते हैं, भाव परिवर्तन होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि अविनाभाव संम्बध जहां ये है, वहां वो भी है। जहां ये नहीं, वहां वो भी नहीं है। अतः जीवन में भावों का ही महत्वपूर्ण स्थान है,यदि नहीं है वहां कुछ नहीं होता हैं।