पार्कों में कचड़ा न डाला जाए, इसलिए वहाँ देवताओं की मूर्तियाँ बैठा देते हैं।
इसी प्रकार अपने मन को अशुभ भाव रूपी कचड़े से बचाने के लिये पूज्य वस्तु का आश्रय लेकर शुभ भाव को उस पर स्थापित कर दो, जैसे किसी आकर्षक व्यक्तित्व को देखते समय उसके परमात्म-तत्त्व पर।
चिंतन
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जीवन में अशुभ एवं शुभ भाव होते हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि अशुभ से बचने के लिए मन जो कचड़ा भरा हुआ है,उस कचड़े को साफ करना आवश्यक है ताकि शुभ भाव में पहुंचने में समर्थ हो सकते हैं। अतः जीवन में हमेशा शुभ भाव स्थापित कर दो, जैसे आकर्षक व्यक्ति में परमात्म तत्व को।
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जीवन में अशुभ एवं शुभ भाव होते हैं। उपरोक्त कथन सत्य है कि अशुभ से बचने के लिए मन जो कचड़ा भरा हुआ है,उस कचड़े को साफ करना आवश्यक है ताकि शुभ भाव में पहुंचने में समर्थ हो सकते हैं। अतः जीवन में हमेशा शुभ भाव स्थापित कर दो, जैसे आकर्षक व्यक्ति में परमात्म तत्व को।
Very true