भगवान की भक्ति करते समय यदि कोई बैरी या प्रियजन दिख जाय तो क्या हमारा ध्यान उधर जाता है ?
यदि हाँ तो यह भगवान से ज्यादा आकर्षण रागद्वेष का सिद्ध हुआ ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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भगवान् के चरणों में जाता है तब यदि किसी महिला से आकर्षण होता है इसका मतलब वह भगवान् से आकर्षण कम रखता है। जो लोग महिलाओं से आकर्षित होते हैं वह राग ही कहलायेंगे। अतः उचित होगा धम॓ से जुडकर ही इसका ज्ञान होगा कि भगवान् से परम पवित्र प़ेम किस प्रकार रखा जाये।
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भगवान् के चरणों में जाता है तब यदि किसी महिला से आकर्षण होता है इसका मतलब वह भगवान् से आकर्षण कम रखता है। जो लोग महिलाओं से आकर्षित होते हैं वह राग ही कहलायेंगे। अतः उचित होगा धम॓ से जुडकर ही इसका ज्ञान होगा कि भगवान् से परम पवित्र प़ेम किस प्रकार रखा जाये।