जिन्होंने अपनी आत्मा को कमज़ोर/आत्मविश्वास कम कर लिया है, वे आत्मा को स्त्रीलिंग से संबोधित करते हैं;
मजबूती वाले पुल्लिंग से।
चिंतन
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आत्मा का तात्पर्य जो यथासंभव ज्ञान दर्शन सुख आदि गुणों में वर्तता या परिणमन करता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि जिन्होंने अपनी आत्मा को कमजोर या आत्मविश्वास कर लिया है,वह स्त्रीलिंग से संबोधित करते हैं, जबकि मजबूत वाले पुल्लिंग से। अतः आत्मा पर श्रद्वान करना चाहिए ताकि आत्मविश्वास बढ़ता है,तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।
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आत्मा का तात्पर्य जो यथासंभव ज्ञान दर्शन सुख आदि गुणों में वर्तता या परिणमन करता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि जिन्होंने अपनी आत्मा को कमजोर या आत्मविश्वास कर लिया है,वह स्त्रीलिंग से संबोधित करते हैं, जबकि मजबूत वाले पुल्लिंग से। अतः आत्मा पर श्रद्वान करना चाहिए ताकि आत्मविश्वास बढ़ता है,तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।