अभेद दृष्टि से चेतना रूप ।
चेतना को समझने के लिये भेद दृष्टि से आत्मा, ज्ञाता दृष्टा रूप ।
और विस्तार से समझना हो तो –
ज्ञान के 8 भेद
दर्शन के 4 भेद ।
ज्ञानशाला
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यह कथन सत्य है कि अभेद द्वष्टि से चेतना रुप। चेतना को समझने के लिए भेद द्वष्टि से आत्मा और ज्ञाता दृष्टा रुप। अतः विस्तार से समझने के लिए ज्ञान के आठ भेद और दर्शन के चार भेद जानना आवश्यक हैं।
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यह कथन सत्य है कि अभेद द्वष्टि से चेतना रुप। चेतना को समझने के लिए भेद द्वष्टि से आत्मा और ज्ञाता दृष्टा रुप। अतः विस्तार से समझने के लिए ज्ञान के आठ भेद और दर्शन के चार भेद जानना आवश्यक हैं।