आवीचिमरण

आचार्य श्री विद्यासागर जी किसी को सम्बोधन करने गये, उन्हें णमोकार सुनाने लगे।
घरवालों ने एतराज किया – इनका अंत समय थोड़े ही है !
थोड़ी देर बाद उसने प्राण छोड़ दिये ।
आचार्य श्री – हर जीव जन्म लेते ही मरण शुरु नहीं, जन्म से पहले ही एक से तीन समय की आयु पूर्ण कर चुका होता है ।
(आचार्य श्री तो महान ज्ञानी तथा अनुभवी हैं)

आचार्य श्री विद्यासागर जी

(वैसे भी णमोकार तो हर अवस्था में लाभकारी होता है)

Share this on...

6 Responses

  1. आवीचिमरण का मतलब जीव की आयु का प़तिक्षण क्षीण होते जाना नित्य मरण या आवीचिमरण कहते हैं। अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने कथन बताया है वह पूर्ण सत्य है। णमोकार मंत्र को महामंत्र कहते हैं जो अनादिकाल काल से है। उपरोक्त मंत्र हर अवस्था में लाभकारी होता है।इस मंत्र को किसी भी अवस्था में पढा जा सकता है।

  2. “हर जीव जन्म लेते ही मरण शुरु नहीं, जन्म से पहले ही एक से तीन समय की आयु पूर्ण कर चुका होता है”, ka kya meaning hai, please?

  3. “हर जीव जन्म लेते ही मरण शुरु नहीं” ka kya meaning hai, please ?

    1. जन्म लेते ही मरण शुरू नहीं बल्कि जन्म लेने के 3 समय(विग्रह गति) पहले से मरण शुरू हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

October 30, 2021

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031