आहार एवं भोजन में बहुत अन्तर होता है। आहार सिर्फ मुनियों एवं गुरुजनों के लिए होता है। आहार दिन में एक बार ही लेते हैं, इसमें एक तिहाई अन्न, एक तिहाई पानी एवं हवा होती है। अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन है कि आहार लिए बिना, आत्मा में बिहार नहीं हो सकता है।
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आहार एवं भोजन में बहुत अन्तर होता है। आहार सिर्फ मुनियों एवं गुरुजनों के लिए होता है। आहार दिन में एक बार ही लेते हैं, इसमें एक तिहाई अन्न, एक तिहाई पानी एवं हवा होती है। अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन है कि आहार लिए बिना, आत्मा में बिहार नहीं हो सकता है।