रावण ने बहुरूपिणी विद्या सिद्ध कर ली थी। राम रावण के एक रूप को मारते थे, तभी उसके अनेक रूप पैदा हो जाते थे।
इच्छा भी ऐसी ही होती है: एक समाप्त होते ही अनेक इच्छाएं पैदा हो जाती हैं।
चिंतन
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जीवन में अनन्त इच्छाओं का भंडार रहता है, लेकिन जब तक इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं होता है तब तक जीवन का कल्याण नहीं हो सकता है। जीवन में अंतिम इच्छा मोक्ष मार्ग का होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि एक इच्छा समाप्त होती है,अनेक इच्छायें पैदा होती हैं।राम,रावण का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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जीवन में अनन्त इच्छाओं का भंडार रहता है, लेकिन जब तक इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं होता है तब तक जीवन का कल्याण नहीं हो सकता है। जीवन में अंतिम इच्छा मोक्ष मार्ग का होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि एक इच्छा समाप्त होती है,अनेक इच्छायें पैदा होती हैं।राम,रावण का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।