उत्कृष्ट स्पर्शन की सीमा 9 योजन है पर ये ऋद्धियों से ही संभव है, जिसमें बिना वस्तु छुए ही ज्ञान हो जाता है ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
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स्पर्शन–जिसके द्वारा स्पर्श किया जाता है लेकिन उत्कृष्ट स्पर्शन की सीमा 9 योजन है, पर यह रिद्धियों से ही संम्भव है, इसमे बिना वस्तु को छुए ही उसका ज्ञान प़ाप्त हो जाता है।
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स्पर्शन–जिसके द्वारा स्पर्श किया जाता है लेकिन उत्कृष्ट स्पर्शन की सीमा 9 योजन है, पर यह रिद्धियों से ही संम्भव है, इसमे बिना वस्तु को छुए ही उसका ज्ञान प़ाप्त हो जाता है।