उत्तम क्षमा धर्म
यह त्योहार तात्कालिक या ऐतिहासिक नहीं; पारमार्थिक है, शाश्वत है।
सामर्थ्य होने पर भी गुस्सा न करने को क्षमा कहते हैं।
कारण:
अपेक्षाओं और आकांक्षाओं की अपूर्ति
अस्वस्थता
रुचि भेद
तामसिक भोजन
मत भेद
हानि: स्वास्थ्य ख़राब होना, यहां तक कि मरण भी हो जाता है
प्रतिष्ठा की हानि
उपाय:
तत्व ज्ञान
स्थान परिवर्तन
विषय परिवर्तन
पानी पीना
क्रोध के प्रकार:
अनंतानुबंधी
अप्रत्याख्यान
प्रत्याख्यान
संज्ज्वलन
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि यह पर्व तात्कालिक या ऐतिहासिक नहीं बल्कि परमार्थिक है एवं शाश्वत है। अतः सामर्थ्य होने पर गुस्सा न करें उसे क्षमा कहते हैं। इसमें जो कारण,हानि एवं उपाय बताए गए हैं वह पूर्ण सत्य है। इसमें क़ोध के प़कार दिये गये हैं, वह भी पूर्ण सत्य है।