उदीरणा
उदीरणा तीन प्रकार की होती है ।
1. हर कर्म के उदय के साथ उदीरणा होती है ।
2. अकाल मृत्यु के समय आयुकर्म के निषेक झरना ।
3. तप के द्वारा – आयुकर्म के अलावा, सातौं कर्म की होती है ।
उदीरणा तीन प्रकार की होती है ।
1. हर कर्म के उदय के साथ उदीरणा होती है ।
2. अकाल मृत्यु के समय आयुकर्म के निषेक झरना ।
3. तप के द्वारा – आयुकर्म के अलावा, सातौं कर्म की होती है ।