ऊबना
रोज़ वही पूजा पाठ से कुछ लोगों को ऊब आने लगती है।
वही लोग पाप भी रोज़ करते हैं, उससे ऊब क्यों नहीं होती ?
जो अगली कक्षा में नहीं चढ़ पाते/वही Course बार बार पढ़ने से बोर हो सकते हैं, जो लगातार अगली कक्षा में बढ़ते रहते हैं, वे बोर नहीं होते, नया-नया उत्साह/आनंद आता रहता है।
मुनि श्री सुधासागर जी
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ऊबना का मतलब आलस होना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिसको जीवन में ऊबना आता है,वह जिंदगी में कभी सफल नहीं होते हैं।जो मनुष्य द्वढ संकल्पी होकर जो भी कार्य करते हैं,चाहे पूजा हो अथवा पढ़ाई हो हमेशा सफल होते रहते हैं। अतः ज़िन्दगी में कभी आलस नहीं करना चाहिए ताकि सफलता मिलती रहेगी।