हाइकु ….
“पाँचों* की रक्षा मुट्ठी** में,
मुट्ठी बंधी, लाखों की मानी”
आचार्य श्री विद्यासागर जी
एकता – सहयोग, समन्वय, समादर, संरक्षण से आती है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
* 1) उँगलियाँ
2) इंद्रियां
3) परमेष्ठी
** प्रण/ शपथ लेते समय की मुद्रा।
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4 Responses
उपरोक्त कथन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का पूर्ण सत्य है। जीवन में एकता सहयोग, समन्वय और संरक्षण से ही आती है। उपरोक्त एकता प़तेक प्राणी में होना आवश्यक है ताकि जीवन में कुछ कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।
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उपरोक्त कथन आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का पूर्ण सत्य है। जीवन में एकता सहयोग, समन्वय और संरक्षण से ही आती है। उपरोक्त एकता प़तेक प्राणी में होना आवश्यक है ताकि जीवन में कुछ कल्याण करने में समर्थ हो सकते हैं।
Can meaning of “समादर” be explained, please?
समादर = सम(समान)+आदर…
छोटे तो बड़ों का आदर करें ही, बड़े भी छोटों की भावनाओं का आदर करें।
Okay.