कथनी / करनी
दया का कथन ज़ुदा है, करन ज़ुदा।
अब तो कृपाण पर भी गुदा रहता है → “दया धर्म का मूल है”,
जबकि कृपाण के तो, नाम में ही उसका काम छुपा है → कृपा+न (ण)।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दया का कथन ज़ुदा है, करन ज़ुदा।
अब तो कृपाण पर भी गुदा रहता है → “दया धर्म का मूल है”,
जबकि कृपाण के तो, नाम में ही उसका काम छुपा है → कृपा+न (ण)।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
4 Responses
आचार्य श्री विघासागर महाराज जी ने कथनी एवं करनी का उदाहरण के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! दया धर्म का मूल सिद्वांत है, अतः इसका पालन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
Can meaning of the first two sentences be explained, please ?
दया की बात करना आसान है, दया करना कठिन।
कृपाण जैसी हिंसक वस्तु पर भी दया का कथन लिखा रहता है।
Okay.