हवा झंड़े को लहरा तो देती है, पर उसको उखाड़ नहीं पाती ।
ऐसे ही कर्म जीव को हिला तो सकते हैं, उखाड़ नहीं सकते ।
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कर्मो का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है वह सब क़िया या कर्म है।कर्मो का आत्मा के साथ बंध जाना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि कर्मों की शक्ति इतनी होती है कि हवा झन्डे को लहरा तो देती है लेकिन उसको उखाड़ नहीं सकती है। ऐसे ही कर्म जीव को हिला सकते हैं लेकिन उखाड़ नहीं कर सकते हैं।जैन धर्म में कर्म सिद्धांत पर विश्वास रखना अनिवार्य है,तभी कर्मों को धीरे धीरे निर्जरा करते रहना चाहिए ताकि कर्मों को उखाड़ने में समर्थ हो सकते हैं।
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कर्मो का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है वह सब क़िया या कर्म है।कर्मो का आत्मा के साथ बंध जाना होता है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि कर्मों की शक्ति इतनी होती है कि हवा झन्डे को लहरा तो देती है लेकिन उसको उखाड़ नहीं सकती है। ऐसे ही कर्म जीव को हिला सकते हैं लेकिन उखाड़ नहीं कर सकते हैं।जैन धर्म में कर्म सिद्धांत पर विश्वास रखना अनिवार्य है,तभी कर्मों को धीरे धीरे निर्जरा करते रहना चाहिए ताकि कर्मों को उखाड़ने में समर्थ हो सकते हैं।